किसान बचाओ आंदोलन
Save Farmer Movement
क्रमांक: 890/67/58 21 मार्च 2008 प्रेस रीलीज़
हिसार 21 मार्च ( )
किसान बचाओ आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक डा. सुधीर कौड़ा ने देश भर के किसानों से अपील की है कि वे जानलेवा बीटी
कॉटन से दूर रहें क्योंकि इससे पशुओं तथा आदमी में अनेकों भयानक स्वास्थ्य समस्याएँ फैल रही हैं |
डा.कौड़ा जो खुद एक वरिष्ठ कृषि एवं आनुवंशिकी के जानकार हैं ने कहा कि बीटी नरमा के खल बिनौला से देश के
लाखों पशुओं में दूध उत्पादन में 50प्रतिशत से भी अधिक कमी आई है जिससे जल्द ही देश में दूध का
अकाल पड़ सकता है तथा किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा |
डा कौड़ा ने बताया कि बीटी नरमा के खल बिनोला से पशुओं में कमजोरी एवं बाँझपन की समस्या भी पिछ्ले तीन -चार वर्षों में आ रही है जिससे पशु पालकों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है | इसके अलावा पशुओं में खाज खुजली व बीटी खल बिनोला के प्रति अरूचि की समस्याएँ स्पष्ट दिखाई दे रही हैं |
डा.कौड़ा ने बताया कि विश्व भर में हुए अनुसंधान से पता चला है कि बीटी नरमा से आदमी व पशुओं में अन्य
जानलेवा समस्याएँ जैसे कॅन्सर, पैदाईश के समय मृत्यु दर 5 गुणा से भी अधिक होना, शरीर के अंगो
का सामान्य से काफी छोटा होना व शरीर का बौनापन, शरीर के अंगो का विकास अधूरा होना, बच्चों का
व्यस्क ना बन पाना व संतान उत्पत्ति ना कर पाना (बाँझपन),तथा अनेकानेक भयानक स्वास्थ्य समस्याओं
का होना पाया गया है | उल्लेखनीय है कि आंध्रा प्रदेश में पिछले तीन-चार वर्षों में तीन जिलों में
बीटी नरमा के पौधे खा कर 10000 से भी अधिक भेड़ें मरने के बाद भी सरकार ने इस खतरनाक पौधे
पर प्रतिबंध नहीं लगाया है |डा कौड़ा ने कहा मैं Hazards of Genetically Modified (GM) Plants